बालाघाट. देश के निःशक्तजन आयुक्त संदीप रजक द्वारा एडव्होकेसी बैठक लेकर जिले में सामाजिक न्याय द्वारा योजनाओं के संचालन एवं दिव्यांगों के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली शासकीय सहूलियतों का समीक्षा की. इसके पूर्व निःशक्तजन आयुक्त ने डी. डी. आर. सी. का निरीक्षण कर व्यवस्थओं का जायजा लिया. उन्होंने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में जिला कलेक्टर दीपक आर्य, अपर कलेक्टर शिव गोविन्द मरकाम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.
बैठक में आयुक्त श्री रजक ने निःशक्तजन से संबंधित योजनाओं के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता प्रतिपादित की ताकि जानकारी के अभाव में कोई भी दिव्यांग अपने अधिकार से वंचित न हो पाये. उन्होंने कहा कि सवारी बसों में दिव्यांगजनों को सहुलियतपूर्ण आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रत्येक बस में एक प्रवेश द्वार बाधा रहित बनाया जाए अथवा चलित बाधा रहित रैम्प बस स्टैंड पर उपलब्ध हो. ताकि दिव्यांगजन आसानी से सवारी बसों में प्रवेश अथवा निर्गम कर सके. उन्होंने कहा कि बस स्टेंड पर भी समुचित रैंप की सुविधा उपलब्ध हो. सभी शासकीय कार्यालयों में दिव्यांगों के आने-जाने के लिए बाधा रहित सुविधा (रैम्प) का निर्माण कराया जाये. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कार्यालयों में भी दिव्यांगों के सहूलियत के लिए इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध हों. यथासंभव सभी कार्यालयों में व्हील चेयर भी मौजूद रहे. श्री रजक ने कहा कि सवारी बसों में शासन के निर्देशानुसार दिव्यांगों के लिए किराए में 50 प्रतिशत की छूट अनिवार्य रूप से दी जाये.
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों का यूडीआईडी कार्ड होना बहुत जरूरी है. सभी दिव्यांगों के यूडीआईडी कार्ड बनाये जाना सुनिश्चित किया जाये. कोविड वैक्सीनेशन के लिए भी दिव्यांगों को प्राथमिकता से वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाये. वैक्सीनेशन केन्द्रों पर जो दिव्यांग टीकाकरण के लिए आ रहे हैं, उनको टीकाकरण करवाने में कोई अड़चन न आये. श्री रजक ने सिनेमाघरों, बैंक, मॉल इत्यादि में दिव्यांगजनों के लिए रैंप की सुविधा होने की आवश्यकता जताई. इस दौरान उन्होंने सामाजिक सहायता योजना एवं दिव्यांगों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन योजनाओं में पात्रों को पूरी संवेदनशीलता के साथ लाभ, सहायता प्रदान की जाये.
निःशक्तजन आयुक्त श्री रजक ने कहा कि शासन की योजनाओं से लाभ मिलने से निःशक्तजनों का सम्मान बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि यदि दिव्यांग से कोई सामान्य विवाह करता है तो उसे दो लाख रूपये तथा दिव्यांग से दिव्यांग विवाह करता है तो उसे एक लाख रूपये की राशि शासन की योजनांतर्गत दी जाती है. कुल 21 प्रकार की दिव्यांगता होती है जिसमें तीन ब्लड रिलेटेड होती है. सिविल सेवा परीक्षा निकालने पर 70 हजार रूपये प्रदान किया जाता है. दिव्यांगों को परेशान करने पर कड़ी कार्यवाही का भी प्रावधान है. बैठक के अंत में निःशक्तजन आयुक्त संदीप रजक द्वारा दिव्यांग राकेश पन्द्रे जिनके दोनों हाथ न रहते भी सामान्य बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं और दिव्यांग बालक तुषार कुम्हारी जिसने अपने गांव को ओडीएफ कराने में सहयोग दिया है, को शाल और श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया.